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रांचीः डॉ एस अली पर लापरवाही का आरोपः परिजन बोले- एनेस्थीसिया के ओवर डोज से हुई मरीज की मौत

डॉक्टर ने कहा: मैंने ऑपरेशन किया, पेशेंट स्पाइनल शॉक में चला गया, जिस वजह से हुई अली की मौत, मेरी गलती नहीं

Ranchi: रिम्स के पोस्टमार्टम हाउस के बाहर रेशमा बिलखती हैं. पूछने पर फफक कर रोने लगती हैं.कहती हैं कि 15 साल का बेटा अली खान का पैर टूट गया था. इलाज के लिए सदर अस्पताल लेकर गई थी. यहां के डॉ एस अली ने कहा ऑपरेशन में वक्त लगेगा. मशीन खराब है. यहां से लेकर विनायका हॉस्पिटल चलिए. उनके कहने पर विनायका हॉस्पिटल लेकर गयी. ऑपरेशन से पूर्व दो बार एनेस्थीसिया दिया गया. इसके बाद बेटा कोमा में चला गया. जब अली से मिलना चाहा तो डॉक्टर ने मना किया. मिन्नत करने के बाद जब मिली तब मेरे बेटा का शरीर ठंडा होने लगा. यहां मामला बिगड़ने लगा तो आननफानन में 23 जुलाई की देर रात मुझपर मरीज को रिम्स ले जाने का दबाव बनाया गया. कहा गया कि इलाज में जो भी खर्च होगा वह हॉस्पिटल की तरफ से दिया जाएगा, और रिम्स में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. [caption id="attachment_709997" align="alignnone" width="1196"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2023/07/12-25.jpg"

alt="" width="1196" height="1600" /> मृतक अली की तस्वीर[/caption]

डॉक्टर ने काफी देर तक बरगलाया

वहीं मृतक अली के परिजन ने कहा कि डॉक्टर ने काफी देर तक बरगलाया. डॉ एस अली ने कहा मशीन खराब है. यहां मशीन बनने में समय लगेगा. कोलकाता से इंजीनियर के आने के बाद मशीन बन पाएगी. तब तक मरीज की स्थिति और ज्यादा बिगड़ जाएगी. ऐसे में मरीज को लेकर विनायका हॉस्पिटल चलिए. डॉ एस अली के द्वारा वहां भेजा गया. डॉ रमन और डॉ चंदन भी यहां थे. सबकी लापरवाही से मेरे बच्चे की मौत हो गयी.

क्या कहते हैं डॉ एस अली

डॉ एस अली से जब बच्चे की मौत को लेकर जानकारी लेनी चाही तो उन्होंने कहा कि मेरी लापरवाही से मौत नहीं हुई है. मैंने ऑपरेशन किया, मरीज स्पाइनल शॉक में में चल गया. यह काफी गंभीर होता है. इस वजह से मौत हो गई. [wpse_comments_template]
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